इंटरनेट का इतिहास: एक डिजिटल क्रांति की गाथा

परिचय: विश्व को जोड़ने वाली अदृश्य डोर

आज का मानव जीवन इंटरनेट के बिना अधूरा है। यह डिजिटल माध्यम हमारे संचार, शिक्षा, व्यापार और मनोरंजन का आधार बन चुका है। सन् 2023 के आँकड़ों के अनुसार विश्व की 67% जनसंख्या इंटरनेट से जुड़ी है, परंतु इसकी यात्रा एक सैन्य परियोजना के रूप में शुरू हुई थी। इस लेख में हम इंटरनेट के उद्भव, विकास और भविष्य की रोचक दास्तान जानेंगे।

इंटरनेट की उत्पत्ति: शीत युद्ध की देन

  • स्पुतनिक प्रभाव: सोवियत संघ द्वारा 1957 में स्पुतनिक उपग्रह के प्रक्षेपण ने अमेरिका को चिंता में डाल दिया। इसी चिंता के कारण अमेरिकी रक्षा विभाग ने एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (ARPA) की स्थापना की, जिसका लक्ष्य था एक ऐसा संचार नेटवर्क विकसित करना जो परमाणु हमले में भी कार्य कर सके 36।
  • ARPANET का जन्म1969 में ARPANET लॉन्च हुआ, जिसने कैलिफ़ोर्निया की चार यूनिवर्सिटियों के कंप्यूटरों को जोड़ा। यह नेटवर्क “पैकेट स्विचिंग” तकनीक पर आधारित था, जहाँ डेटा छोटे-छोटे पैकेट्स में विभाजित होकर गंतव्य तक पहुँचता था 25।
  • वैश्विक विस्तार1973 तक ARPANET ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नॉर्वे और यूके से कनेक्शन स्थापित कर लिया, जिससे यह “नेटवर्क ऑफ नेटवर्क्स” बनने की दिशा में अग्रसर हुआ 35।

टीसीपी/आईपी: इंटरनेट की ‘सार्वभौमिक भाषा’

  • प्रोटोकॉल क्रांति1974 में विंट सेर्फ़ और बॉब कान ने ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल (TCP/IP) विकसित किया। यह प्रोटोकॉल विभिन्न नेटवर्क्स को एक सार्वभौमिक नियमावली के तहत जोड़ने में सक्षम था 48।
  • ऐतिहासिक परिवर्तन1 जनवरी 1983 को ARPANET ने आधिकारिक तौर पर TCP/IP को अपनाया। इस दिन को “इंटरनेट का जन्मदिन” माना जाता है क्योंकि अब अलग-अलग नेटवर्क एक दूसरे से संवाद कर सकते थे 25।
  • NSFNET का योगदान1986 में नेशनल साइंस फाउंडेशन ने NSFNET लॉन्च किया, जिसने सुपर कंप्यूटर सेंटरों को जोड़कर इंटरनेट को शैक्षणिक संस्थानों तक पहुँचाया और इसके व्यावसायीकरण का मार्ग प्रशस्त किया 612।

वर्ल्ड वाइड वेब: जनता के लिए इंटरनेट का द्वार

  • टिम बर्नर्स-ली का अविष्कार1989 में CERN, जेनेवा के वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का प्रस्ताव रखा। उन्होंने HTML (हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज), HTTP (हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल) और URL (यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर) जैसी तकनीकें विकसित कीं, जिन्होंने इंटरनेट को सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ बनाया 59।
  • ब्राउज़र क्रांति1993 में मोज़ेक ब्राउज़र के आविष्कार ने ग्राफिकल इंटरफेस द्वारा वेब को “क्लिक करने योग्य” बना दिया। इसके बाद नेटस्केप और इंटरनेट एक्सप्लोरर जैसे ब्राउज़रों ने इंटरनेट की लोकप्रियता को विस्फोटक बना दिया 1012।
  • व्यावसायीकरण1995 में NSFNET के डिकमीशन के बाद इंटरनेट पूरी तरह व्यावसायिक हो गया। इसी वर्ष अमेज़न और ईबे जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स ने ई-कॉमर्स की नींव रखी 89।

भारत में इंटरनेट: एक क्रांतिकारी सफर

  • प्रारंभिक चरण15 अगस्त 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) ने भारत में पहली बार इंटरनेट सेवा शुरू की। प्रारंभ में केवल 20-30 कंप्यूटर ही इससे जुड़े थे, और इसका उपयोग मुख्यतः शैक्षणिक संस्थानों तक सीमित था 612।
  • गति का विकास: 1990 के दशक में 56 Kbps डायल-अप कनेक्शन से शुरुआत हुई, जो आज 5G तकनीक के साथ गीगाबिट स्पीड तक पहुँच चुकी है। जनवरी 2024 तक भारत में 90 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता थे, जो इसे विश्व का दूसरा सबसे बड़ा डिजिटल बाजार बनाते हैं 67।
  • डिजिटल इंडिया का युगUPI, आधार और कोविन ऐप जैसी तकनीकों ने भारत को डिजिटल क्रांति के मामले में अग्रणी बना दिया है। 2023 में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का मूल्य $1 ट्रिलियन तक पहुँच गया 7।

सामाजिक प्रभाव: सुविधाएँ और चुनौतियाँ

सकारात्मक पहलू:

  • शिक्षा: MOOC (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज) जैसे कोर्सेरा और खान अकादमी के माध्यम से विश्वस्तरीय शिक्षा सुलभ हुई।
  • आर्थिक विकासई-कॉमर्स, डिजिटल मार्केटिंग और फ्रीलांसिंग ने रोजगार के नए अवसर सृजित किए। भारत में 2024 तक 2 करोड़ से अधिक लोग डिजिटल व्यवसायों से जुड़े हैं 712।
  • सामाजिक संपर्कफेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम ने सामाजिक संवाद को वैश्विक बनाया।

जोखिम और चुनौतियाँ:

  • साइबर अपराधफ़िशिंग, डेटा चोरी और रैनसमवेयर जैसे खतरे बढ़े। 2023 में भारत में साइबर अपराध के 3.5 लाख मामले दर्ज हुए 9।
  • डिजिटल असमानता: विकासशील देशों में 35% से कम जनता के पास इंटरनेट पहुँच है।
  • मानसिक स्वास्थ्यसोशल मीडिया की लत और साइबर बुलिंग ने नई स्वास्थ्य चुनौतियाँ उत्पन्न की हैं 9।

भविष्य की दिशा: कृत्रिम बुद्धिमत्ता से इंटरनेट ऑफ थिंग्स तक

  • 5G और IoTहाई-स्पीड कनेक्टिविटी स्वायत्त वाहनों, स्मार्ट शहरों और रिमोट सर्जरी जैसी तकनीकों को सक्षम बना रही है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ताचैटजीपीटी और जेमिनी जैसे एआई टूल्स इंटरनेट के उपयोग को क्रांतिकारी बना रहे हैं।
  • वेब 3.0डिसेंट्रलाइज्ड और ब्लॉकचेन-आधारित इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को डेटा का पूर्ण नियंत्रण देगा 910।

इंटरनेट विकास की प्रमुख घटनाएँ:

वर्षघटनाप्रभाव
1969ARPANET की स्थापनानेटवर्किंग की आधारशिला
1983TCP/IP का अनुकूलनवैश्विक इंटरनेट का जन्म
1991वर्ल्ड वाइड वेब लॉन्चसार्वजनिक इंटरनेट का प्रारंभ
1995भारत में इंटरनेट की शुरुआतभारत का डिजिटल युग
2000sमोबाइल और सोशल मीडिया क्रांतिसर्वव्यापी पहुँच और संवाद

निष्कर्ष: मानवता को जोड़ने वाला साधन

इंटरनेट की यात्रा एक सैन्य प्रोजेक्ट से विश्व के सबसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक उपकरण तक की है। यह ज्ञान का सागर है, जहाँ अवसरों और सतर्कता दोनों की आवश्यकता है। जैसे-जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग और एआई जैसी तकनीकें विकसित हो रही हैं, इंटरनेट मानव सभ्यता को अभूतपूर्व ऊँचाइयों पर ले जाएगा। हमारी जिम्मेदारी है कि इसके लाभों को न्यायसंगत ढंग से वितरित करें और इसकी चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करें। डिजिटल युग में यही हमारी सबसे बड़ी परीक्षा है।


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